इंटरनेट पोर्टल
पोर्टल इंटरनेट और विश्वव्यापी वेब के संदर्भ में जालस्थलों (वेबसाइट्स) के समूह को कहा जाता है। पोर्टल का शाब्दिक अर्थ होता है प्रवेशद्वार। एक पोर्टल वास्तव में स्वयं भी एक जालस्थल होता है, जिससे दूसरे कई अन्य संबंधित जालस्थलों पर पहुंचा जा सकता है। इंटरनेट से जुड़ने पर कई प्रकार के पोर्टल मिलते हैं।[1] ये अंतर्जाल के अथाह सागर में एक लंगर की तरह काम करता है। इन पर विभिन्न स्त्रोतों से जानकारियां जुटाकर व्यवस्थित रूप में उपलब्ध करायी जाती हैं। इसके साथ ही पोर्टल पर कई तरह की सेवाएं भी दी जाती हैं, जैसे कई पोर्टल पर उपयोक्ताओं को सर्च इंजन उपलब्ध कराया जाता है, इसके अलावा, कम्युनिटी चैट फोरम, निजी गृह-पृष्ठ (होम पेज) और ईमेल की सुविधाएं भी दी गई होती हैं। पोर्टल पर समाचार, स्टॉक मूल्य और फिल्म आदि की गपशप भी देख सकते हैं। कुछ सार्वजनिक वेब पोर्टलों के उदाहरण हैं: एओएल, आईगूगल, एमएसएन, याहू आदि।[2]
ऐतिहासिक रूप में पोर्टल का प्रयोग किसी द्वार, इमारत या अन्य संरचना के मुख द्वार रूप में किया जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ था वहां प्रवेश करने के लिए एक प्रभावी मार्ग। मोटे तौर पर वेब पोर्टल उपयोक्ताओं को आधारभूत जानकारी उपलब्ध कराता है। साथ ही इसके माध्यम से विभिन्न अन्य साइट्स तक पहुंच सकते हैं।[1] एक विशेष सुविधा यह है कि एक पोर्टल पर उपयोक्ता अपना स्वयं का कैलेंडर तैयार कर सकते हैं और महत्वपूर्ण अवसरों के लिए अनुस्मारक (रिमाइंडर) भी बना सकते हैं। उपयोक्ता अपना पोर्टल तैयार कर उसमें अपनी रुचियों, कार्य, यात्राओं आदि के बारे में भी पाठ को पृथक-पृथक रूप में डाल सकते हैं। इसी तरह प्रशासन नागरिकों को अपने पोर्टल के माध्यम से मौसम की जानकारी उपलब्ध करा सकता है। साथ ही उसमें वहां की खबरें और शेष सरकारी जानकारी भी हो सकती हैं। इसमें सरकार के प्रतीक चिह्न्, भाषण, उपभोक्ता सेवाएं और कर, आदि से संबंधित जानकारी भी शामिल हो सकती हैं।
इतिहास
१९९० के दशक के अंतिम वर्षों में वेब पोर्टल काफी प्रचलित हुए थे। वेब ब्राउज़रों के उद्भाव के उपरांत कई कंपनियों ने एक न एक पोर्टल बनवा लिया या बनवाने में प्रयासरत रहे, जिससे कि अपनी कंपनी को तेजी से फैलते हुए इंटरनेट के संसार में अपनी कंपनी को स्थान दिला पायें। ये वेब पोर्टल विशेष आकर्षण का केन्द्र थे, क्योंकि बहुत से इंटरनेट उपयोक्ताओं के लिये ये वेब ब्राउज़र आरंभ करने का बिन्दु हुआ करते थे। नेटस्केप अमेरीका ऑनलाइन का भाग बन गया, वॉल्ट डिज़्ने ने Go.com लॉन्च किया, तथा एक्साइट और @Home आगे चलकर २००० से कुछ समय पूर्व AT&T का भाग बन गये।
२०००-०१ के बीच इनमें से कई पोर्टल बंद होने के कगार पर भी पहुंच गये, जैसे डिज़्ने ने Go.com को बाजार से वापस ले लिये था, एक्साइट भी दीवालिया हो गया और उसके अवशेष iWon.com को बेच दिये गए। किन्तु इस दौड़ में याहू आदि जैसे अनेक पोर्टल पूरे रूप से सफल रहे और आज भी इंटरनेट के आसमान पर चमक रहे हैं।
प्रकार
कुछ पोर्टल्स रोजगार, शिक्षा और नागरिक सुरक्षा की सूचना भी देते हैं। निगमित पोर्टल्स भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। किसी निगम के वेब पोर्टल पर उसके कर्मचारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए स्वयंसेवा से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी जाती है। इसमें काम करने वाले लोग पोर्टल से अपने लिए आवश्यक सूचनाएं जैसे, वेतन, प्रतिपूरक सुविधाएं, नोटिस और अन्य जानकारी के बारे में जान सकते हैं जबकि उपभोक्ता कंपनी की नई परियोजनाओं. उसके नए कार्य भुगतान का इतिहास आदि के बारे में जान सकते हैं।
विकिपीडिया पर
विकिपीडीया भी अनेक पोर्टल बनाने की सुविधा देता है। यहां भी अनेक भाषाओं में ढेरों विषयों पर अच्छे स्तरीय पोर्टल उपलब्ध हैं। हिन्दी विकिपीडिया में अनेक विषयों पर, भारत और उसके सभी राज्यों, विज्ञाण के अनेक विषयों पर पोर्टल उपलब्ध हैं। यहां पोर्टल को प्रवेशद्वार कहा जाता है।
संदर्भ
- ↑ अ आ पोर्टल।हिन्दुस्तान लाइव।३ जून, २०१०
- ↑ about.com पर पोर्टल के लिये लेख